मन की गिरहें
मन की गिरहें
जानिए मन की गिरहों का मनोविज्ञान – कैसे पुराने अनुभव, दर्द और यादें हमारे वर्तमान फैसलों को प्रभावित करती हैं, और इन्हें खोलने के तरीके।

प्रस्तावना: मन की गांठों की कहानी
हर इंसान के भीतर कुछ ऐसी अदृश्य गांठें होती हैं जो बाहर से तो नहीं दिखतीं, लेकिन भीतर बहुत गहराई तक बंधी होती हैं। ये मन की गिरहें हैं – पुराने अनुभव, अधूरे संवाद, अनसुलझी शिकायतें, और दर्द भरी यादें, जो समय के साथ सख्त होती जाती हैं। ये गिरहें हमारी सोच, व्यवहार और फैसलों को बांध देती हैं, और हम बिना महसूस किए भी उनके प्रभाव में जीते हैं।
1. मन की गिरहें क्या हैं?
- परिभाषा: मन की गिरहें वे मानसिक-भावनात्मक गांठें हैं, जो अतीत के अनुभवों, चोटों या भावनाओं के अधूरे रह जाने से बनती हैं।
- ये हमारे अवचेतन (subconscious mind) में जमा रहती हैं।
- जब कोई वर्तमान स्थिति उन यादों को छूती है, तो हम वैसे ही प्रतिक्रिया देने लगते हैं जैसे अतीत में देते थे।

2. मनोविज्ञान के अनुसार गिरहें कैसे बनती हैं?
मुख्य कारण:
- भावनात्मक आघात (Emotional Trauma) – धोखा, हानि, असफलता।
- अधूरी बातचीत – कहने को बहुत कुछ था, लेकिन मौका नहीं मिला।
- दबी हुई भावनाएं – गुस्सा, दुख, डर, जिन्हें कभी व्यक्त नहीं किया गया।
- लगातार नकारात्मक अनुभव – बार-बार अस्वीकार या अपमान झेलना।
इन स्थितियों में दिमाग ‘सेफ मोड’ पर चला जाता है और भविष्य में उसी दर्द से बचने के लिए हमारे भीतर एक मानसिक गांठ बना देता है।
3. मन की गिरहों के प्रकार
- रिश्तों की गिरहें – टूटा भरोसा, अनसुलझी गलतफहमियां।
- खुद से जुड़ी गिरहें – आत्म-संदेह, अपराधबोध।
- सपनों और लक्ष्यों की गिरहें – अधूरे लक्ष्य, असफल कोशिशें।
- डर की गिरहें – असफलता का डर, हानि का डर।

4. गिरहें हमारे वर्तमान फैसलों को कैसे बांधती हैं?
- रिश्तों में दूरी – अगर किसी ने पहले धोखा दिया, तो नए लोगों पर भरोसा कम हो जाता है।
- करियर में झिझक – पिछले असफल अनुभव के कारण नए अवसर लेने से डर।
- आत्मविश्वास में कमी – पुराना अपमान बार-बार याद आना।
- ओवररिएक्शन – मामूली बात पर भी गुस्सा या डर आना।
5. उदाहरण से समझें
मान लीजिए, बचपन में स्कूल में एक बार आपने क्लास में जवाब दिया और सभी ने हँसी उड़ाई। यह अनुभव एक “गिरह” बन सकता है। अब, बड़े होकर मीटिंग में बोलने का मौका आने पर भी आप झिझकेंगे, क्योंकि अतीत का डर फैसले को बांध रहा है।
6. गिरहों का विज्ञान
- अमिग्डाला (Amygdala): डर और खतरे को पहचानकर दिमाग में ‘रेड अलर्ट’ मोड ऑन करता है।
- हिप्पोकैम्पस (Hippocampus): पुराने अनुभवों को याद रखता है।
- जब नई स्थिति पुराने दर्द से मिलती-जुलती होती है, तो अमिग्डाला तुरंत सक्रिय होकर हमें सावधान कर देता है – यही गिरह की प्रतिक्रिया है।
7. भारतीय दृष्टिकोण
भारतीय दर्शन में मन की गिरहों को “संस्कार” कहा गया है – यानी अतीत की छाप जो वर्तमान में असर डालती है। योग और ध्यान के जरिए इन संस्कारों को पहचानकर शुद्ध किया जा सकता है।
- पतंजलि योगसूत्र में कहा गया है – “वृत्ति निरोध”, यानी मन की गतिविधियों को समझकर नियंत्रित करना।
8. गिरहों के असर
- भावनात्मक स्वास्थ्य – चिंता, डिप्रेशन।
- मानसिक विकास – नये अनुभवों को अपनाने में कठिनाई।
- शारीरिक सेहत – तनाव से जुड़ी बीमारियां।
9. गिरहें खोलने के 7 मनोवैज्ञानिक तरीके
- स्वीकार करना – यह मानना कि आपके भीतर कोई गिरह है।
- जर्नलिंग – अतीत की घटनाओं को लिखकर बाहर निकालना।
- इमोशनल रिलीज़ – रोना, बात करना, या कला के जरिए भावनाएं निकालना।
- थेरेपी लेना – CBT, EMDR जैसी तकनीकें।
- माफ़ करना – दूसरों को और खुद को माफ़ करना।
- सेल्फ-अफर्मेशन – नए विश्वास बनाना।
- माइंडफुलनेस मेडिटेशन – वर्तमान में जीना सीखना।
10. जीवन में बदलाव के लिए गिरह खोलने का महत्व
- गिरहें खुलते ही निर्णय लेने की स्वतंत्रता बढ़ जाती है।
- रिश्ते मजबूत होते हैं।
- आत्मविश्वास और मानसिक शांति वापस आती है।
11. वास्तविक जीवन से प्रेरणा
कई लोग जिन्होंने बचपन में अस्वीकृति झेली, उन्होंने काउंसलिंग के जरिए गिरहें खोलीं और आज सफल पब्लिक स्पीकर हैं।
12. खुद से सवाल पूछें
- कौन-सा अतीत का अनुभव मेरे आज के फैसले को प्रभावित कर रहा है?
- क्या मैं किसी को माफ़ करने के लिए तैयार हूँ?
- क्या मैं खुद को पुरानी गलती के लिए अभी भी सजा दे रहा हूँ?
13. निष्कर्ष
मन की गिरहें हमें रोकने के लिए नहीं बनीं – वे हमें यह याद दिलाने के लिए हैं कि हम कहाँ चोट खा चुके हैं। उन्हें खोलना मतलब खुद को आज़ाद करना, ताकि हम बिना डर, बिना झिझक अपने फैसले ले सकें।
📌 आंतरिक लिंक (mohits2.com के लिए)
- मन की पकड़: जब हम अपने ही विचारों के बंधन में जीते हैं
- सोच की थकावट: जब मन ज़्यादा सोचते-सोचते सुन्न हो जाता है
📝 MCQs
Q1. मन की गिरहें मुख्य रूप से किन कारणों से बनती हैं?
a) सफलता और खुशी
b) भावनात्मक आघात ✅
c) नियमित दिनचर्या
d) खेल-कूद
Q2. भारतीय दर्शन में मन की गिरहों को क्या कहा गया है?
a) संस्कार ✅
b) योगासन
c) प्राणायाम
d) ध्यान
Q3. गिरहें खोलने का पहला कदम क्या है?
a) उन्हें अनदेखा करना
b) स्वीकार करना ✅
c) दूसरों को दोष देना
d) सोच से भागना

















